पंडित दीपक गौतम जी द्वारा कालसर्प दोष पूजा के अलावा नवग्रह शांति, मंगलभात पूजा, मंगलशांति पूजा, रुद्राभिषेक, ग्रह दोष निवारण जैसे अनुष्ठानों को सम्पूर्ण वैदिक पद्धति द्वारा संपन्न किया है| इसके अतिरिक्त महामृत्युंजय जाप, कुम्भ विवाह, अर्क विवाह भी आवश्यकता के अनुसार करते हैं।
ज्योतिष में विवाह के लिए जन्म कुंडली के सातवे भाव को देखा जाता है इस भाव पर ख़राब ग्रहों के प्रभाव के कारण अनेक स्थितियां उत्पन्न होती हैं जैसे की शादी में देरी होना याबनते रिश्तों का टूटना आदिI
शत्रु दोष बाधा पूजा में शत्रुओं और प्रतिद्वंद्वियों को हराने की शक्ति है, यह पूजा पुरानी बीमारियों, गंभीर मुद्दों और दुर्घटनाओं से भी सुरक्षा प्रदान करती है।
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल एवम पीड़ित होने से संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा होती है । कभी कभी गर्भपात (miscarraige) या (abortion) जैसी समस्या भी होती है ।
रुद्राभिषेक करके आप शिव से मनचाहा वरदान पा सकते हैं. क्योंकि शिव के रुद्र रूप को बहुत प्रिय है
महामृत्युंजय मंत्र का जाप भगवान शिव कि स्तुति के लिए किया जाता है। किसी भी प्रकार की परेशानी एवं रोग को दूर करने के लिए रुद्राक्ष की माला के के साथ इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
शादी-ब्याह में इसकी प्रमुखता देखि जा रही है पर इस दोष के बहुत सारे परिहार भी है
मंगल दोष निवारण भात पूजन द्वारा एक मात्र उज्जैन में ही भात पूजन कर मंगल शांति की जाती है।
जातक के पूर्वजन्म के जघन्य अपराध के दंड या शाप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है।