कालसर्प योग ज्योतिष शास्त्र में एक दोष माना जाता है जो किसी व्यक्ति की कुंडली में केतु और राहु ग्रहों के बीच सर्पाकृति का योग होने पर बनता है। इसे कालसर्प दोष कहते हैं और इसे शांत करने के लिए कालसर्प दोष पूजन की जाती है।
कालसर्प दोष पूजन में विशेष मंत्रों का जाप, हवन, और पूजन किया जाता है। यह पूजा एक ज्योतिषीय उपाय है जिसका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि केतु और राहु के दोष को दूर करना और शुभ प्रभाव को बढ़ावा देना। इस पूजा को ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार विशेष तिथियों और मुहूर्तों में किया जाता है जो कि ग्रहों के अनुकूल होते हैं।
कालसर्प दोष पूजन का मान्यतानुसार करने से व्यक्ति को जीवन में स्थिरता, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है। यह पूजा भविष्य में आने वाली कठिनाइयों और संघर्षों को भी दूर करने में मदद करती है और व्यक्ति को उसके लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होती है।