चंद्र-राहु या सूर्य-राहु की युति को ग्रहण योग कहते हैं। यदि बुध की युति राहु के साथ है तब यह जड़त्व योग है। इन योगों के प्रभाव स्वरुप भाव स्वामी की स्थिति के अनुसार ही अशुभ फल मिलते हैं। वैसे चंद्र की युति राहु के साथ कभी भी शुभ नही मानी जाती है। इस युति के प्रभाव से माता या पत्नी को कष्ट होता है, मानसिक तनाव रहता है, आर्थिक परेशानियाँ, गुप्त रोग, भाई-बांधवों से बैर-विरोध, परिजनों का व्यवहार परायों जैसा होने के फल मिल सकते हैं। अतः शास्त्रीय विधान से शांति अवश्य करवाएं तथा शिव आराधना अवश्य करें।